प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आवाज़ बुलंद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आज ब्रिटेन के दो दिवसीय दौरे के लिए प्रस्थान किया, जहां वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर और राजा चार्ल्स से मुलाकात करेंगे। इस दौरे को भारत-ब्रिटेन संबंधों के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
भारत-ब्रिटेन संबंधों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और ब्रिटेन का रिश्ता ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से काफी मजबूत रहा है। स्वतंत्रता के बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक साझेदारी बढ़ती रही है। खासकर बीते एक दशक में, जब पीएम मोदी ने विदेश नीति को एक नई दिशा दी है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात
यह प्रधानमंत्री मोदी की कीर स्टारमर के साथ पहली बैठक होगी, जो हाल ही में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं। दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत करेंगे। खासकर मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement – FTA) इस दौरे का केंद्रबिंदु होगा।
चर्चाएं संभावित विषय:
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भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता
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शिक्षा और कौशल सहयोग
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रक्षा और रणनीतिक साझेदारी
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जलवायु परिवर्तन और ग्रीन टेक्नोलॉजी
किंग चार्ल्स से शाही भेंट
प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ब्रिटेन के राजा चार्ल्स III से भी होगी। यह भेंट प्रतीकात्मक रूप से भारत-ब्रिटेन के शाही संबंधों को दर्शाती है। इससे पहले मोदी और चार्ल्स ने जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर बातचीत की थी।
व्यापार और निवेश पर बड़ा फोकस
दौरे के दौरान एक बड़ा लक्ष्य भारत और ब्रिटेन के बीच FTA को अंतिम रूप देना है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के द्वार और अधिक खुलेंगे।
FTA से संभावित लाभ:
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वस्त्र और कपड़ा उद्योग को प्रोत्साहन
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आईटी और सेवाओं का निर्यात बढ़ेगा
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मेड इन इंडिया उत्पादों को नया बाज़ार मिलेगा
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ब्रिटिश कंपनियों को भारत में निवेश का अवसर
भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय व्यापार की वर्तमान स्थिति
भारत और ब्रिटेन के बीच 2024 तक द्विपक्षीय व्यापार लगभग 30 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आंकड़ा अगले कुछ वर्षों में 50 अरब डॉलर से भी अधिक हो सकता है।
प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र:
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दवाइयाँ और मेडिकल उपकरण
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ऑटोमोटिव पार्ट्स
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टेक्सटाइल और गारमेंट
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IT और सर्विस सेक्टर
दोनों देशों के लिए FTA इस व्यापार को एक नई दिशा देगा।
शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट सहयोग
ब्रिटेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मोदी और स्टारमर की बातचीत में शिक्षा को भी प्रमुख स्थान मिलेगा।
संभावित घोषणाएं:
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स्टूडेंट वीज़ा में सुधार
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भारत-UK स्कॉलरशिप प्रोग्राम्स
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साझा रिसर्च और इनोवेशन प्रोजेक्ट्स
रक्षा और रणनीतिक साझेदारी
भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग नया नहीं है, लेकिन अब यह और गहरा होता जा रहा है। रक्षा उपकरण, साइबर सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा होगी।
वीज़ा और आप्रवासन नीति में सुधार
ब्रिटेन में पढ़ने और काम करने वाले लाखों भारतीयों के लिए वीज़ा नीति बहुत अहम है। इस बार चर्चा के दौरान ये बिंदु सामने आ सकते हैं:
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वर्क वीज़ा की अवधि बढ़ाना
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पोस्ट-स्टडी वीज़ा स्कीम को आसान बनाना
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कुशल श्रमिकों के लिए विशेष वीज़ा पथ (Skilled Visa Route)
जलवायु परिवर्तन पर साझेदारी
किंग चार्ल्स के संरक्षण में, जलवायु परिवर्तन और सस्टेनेबल विकास जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दोनों देश ग्रीन टेक्नोलॉजी और क्लीन एनर्जी पर साझेदारी को बढ़ा सकते हैं।
जनता और प्रवासी भारतीयों से संवाद
पीएम मोदी का हर विदेशी दौरा प्रवासी भारतीयों से मुलाकात के बिना अधूरा होता है। इस बार भी लंदन में भारतीय समुदाय को संबोधित करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
भारतीय छात्रों के लिए नई योजनाएं
ब्रिटेन में हायर एजुकेशन की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी हो सकती है।
संभावित घोषणाएं:
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Dual Degree Programs
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UK-India Talent Exchange
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भारत-UK डिजिटल एजुकेशन हब
राजनीतिक महत्व और वैश्विक संदेश
यह दौरा न सिर्फ व्यापार और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करेगा बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और सुदृढ़ बनाएगा। मोदी का यह कदम यह दिखाता है कि भारत अब वैश्विक नीति निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन चुका है।
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Conclusion
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ब्रिटेन दौरा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की संभावना रखता है। चाहे वो व्यापार हो, शिक्षा, रक्षा या शाही सम्मान – हर पहलू भारत की वैश्विक स्थिति को और मज़बूत करेगा। इस यात्रा के नतीजों का असर आने वाले वर्षों तक दिखाई देगा।
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