अब अमेरिका पार्सल भेजना मुश्किल: भारत ने US पोस्टल सर्विस सस्पेंड की, अब लगेगा अतिरिक्त ड्यूटी

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भारत से अमेरिका पार्सल भेजने वालों के लिए बड़ी परेशानी सामने आई है। हाल ही में भारत सरकार ने US पोस्टल सर्विस को सस्पेंड करने का फैसला लिया है, जिससे अब अमेरिका पार्सल भेजना पहले जैसा आसान नहीं रहा। इसके अलावा, अब हर भेजे जाने वाले पार्सल पर अतिरिक्त ड्यूटी भी लगाई जाएगी। यह बदलाव लाखों भारतीय परिवारों, बिज़नेस मालिकों और विद्यार्थियों के लिए गंभीर असर डालने वाला है।


भारत से अमेरिका पार्सल भेजना क्यों हुआ मुश्किल?

अमेरिका को पार्सल भेजने के लिए भारत में पहले इंडिया पोस्ट और US पोस्टल सर्विस के बीच साझेदारी थी। लेकिन हाल के बदलावों और नीतिगत निर्णयों के कारण यह सेवा अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
अब जो भी पार्सल अमेरिका भेजा जाएगा, उसके लिए निजी कूरियर सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ेगा। इन सेवाओं के चार्जेज काफी अधिक हैं, जिससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।


अतिरिक्त ड्यूटी का मतलब क्या है?

पहले भारत से अमेरिका भेजे गए पार्सल पर केवल शिपिंग चार्जेस देने पड़ते थे। लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हर पार्सल पर कस्टम ड्यूटी और अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा।
इसका मतलब यह है कि यदि आप कोई छोटा पैकेट भी अमेरिका भेजते हैं, तो उसकी कीमत अब पहले से काफी ज्यादा हो जाएगी।

  • छोटे पार्सल पर भी डॉलर आधारित ड्यूटी लगेगी।
  • दवाइयाँ, किताबें और व्यक्तिगत सामान भी अब कस्टम जांच के दायरे में आएंगे।
  • गिफ्ट या त्योहारों के लिए भेजे जाने वाले सामान पर भी छूट समाप्त हो गई है।

किसे होगी सबसे ज्यादा परेशानी?

विद्यार्थियों को

अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय विद्यार्थियों को अक्सर अपने परिवार से कपड़े, दवाइयाँ और घरेलू सामान की जरूरत होती है। अब उन्हें हर बार भारी चार्ज देना पड़ेगा।

परिवारों को

जो लोग अपने बच्चों, रिश्तेदारों या दोस्तों को गिफ्ट और सामान भेजते थे, उनके लिए यह कदम बेहद चिंताजनक है। हर पार्सल पर बढ़ी हुई ड्यूटी उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करेगी।

छोटे व्यवसायियों को

ई-कॉमर्स या हैंडीक्राफ्ट के छोटे व्यापारी, जो अमेरिका में अपने उत्पाद भेजते थे, अब उन्हें अधिक लागत और जटिल कागज़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।


निजी कूरियर सेवाओं का बढ़ा बोझ

US पोस्टल सर्विस बंद होने के बाद अब केवल FedEx, DHL, UPS जैसी निजी कंपनियों पर निर्भर रहना होगा। इनके चार्ज भारत पोस्ट की तुलना में कई गुना अधिक हैं।

  • पहले 2 किलो तक का पार्सल लगभग ₹1500–₹2000 में भेजा जा सकता था।
  • अब यही पार्सल ₹5000–₹7000 या उससे अधिक में भेजना पड़ेगा।
  • इसके ऊपर कस्टम ड्यूटी और टैक्स भी लगेंगे।

त्योहारों और गिफ्ट पर बड़ा असर

भारतीय परिवार त्योहारों जैसे दिवाली, होली, रक्षाबंधन, ईद पर अमेरिका में रहने वाले अपने प्रियजनों को उपहार भेजते हैं। लेकिन अब बढ़े हुए चार्ज और ड्यूटी के कारण यह परंपरा कमज़ोर पड़ सकती है।
रक्षाबंधन पर राखी भेजने, दिवाली पर मिठाई और सजावट का सामान भेजने की भावनात्मक डोर अब महंगी हो चुकी है।


क्या है सरकार की दलील?

भारत सरकार का कहना है कि यह कदम अंतरराष्ट्रीय समझौते और कस्टम नीतियों के अनुसार उठाया गया है। साथ ही, यह फैसला गैरकानूनी पार्सल और तस्करी पर रोक लगाने के लिए भी लिया गया है।
हालाँकि आम लोगों का मानना है कि इस नीति का सीधा असर ईमानदार परिवारों और छात्रों पर पड़ रहा है।


समस्या का समाधान कब होगा?

फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं दी गई है कि US पोस्टल सर्विस कब बहाल होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अमेरिका के बीच नई शर्तों के साथ समझौता होने के बाद ही यह सेवा फिर से शुरू हो सकती है। तब तक लोगों को मजबूरन महंगे विकल्प अपनाने होंगे।


लोगों की नाराज़गी और भावनाएँ

सोशल मीडिया पर लोग अपनी नाराज़गी और दुख व्यक्त कर रहे हैं।

  • कुछ लोग कह रहे हैं कि इससे पारिवारिक रिश्ते दूरियों में बदल जाएंगे।
  • विद्यार्थियों का कहना है कि इससे उनका बजट पूरी तरह गड़बड़ा जाएगा।
  • छोटे व्यापारी इसे अपने कारोबार पर लगा कड़ा प्रहार मान रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: क्या अभी अमेरिका पार्सल भेजना पूरी तरह बंद हो गया है?
नहीं, पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। लेकिन अब आप केवल निजी कूरियर सेवाओं के जरिए ही पार्सल भेज सकते हैं, जो महंगी हैं।

प्रश्न 2: क्या गिफ्ट या त्योहारों के सामान पर भी ड्यूटी लगेगी?
हाँ, अब हर तरह के सामान पर कस्टम ड्यूटी और अतिरिक्त टैक्स लगेगा, चाहे वह गिफ्ट ही क्यों न हो।

प्रश्न 3: छात्रों के लिए क्या कोई विशेष छूट मिलेगी?
फिलहाल सरकार की ओर से छात्रों के लिए कोई विशेष छूट की घोषणा नहीं की गई है। उन्हें भी सामान्य ड्यूटी देनी होगी।

प्रश्न 4: क्या यह सेवा फिर से शुरू हो सकती है?
हाँ, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच नई नीतियों पर सहमति बनने के बाद US पोस्टल सर्विस बहाल की जा सकती है।

प्रश्न 5: अमेरिका पार्सल भेजने का सबसे सस्ता विकल्प अब क्या है?
फिलहाल कोई सस्ता विकल्प उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर ज़रूरी हो तो FedEx, DHL, UPS जैसी सेवाओं का इस्तेमाल करना पड़ेगा।


निष्कर्ष

भारत द्वारा US पोस्टल सर्विस को सस्पेंड करने और अतिरिक्त ड्यूटी लगाने से अमेरिका पार्सल भेजना अब आसान नहीं रहा। परिवारों, विद्यार्थियों और छोटे व्यापारियों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। निजी कूरियर सेवाएँ महंगी हैं और अतिरिक्त ड्यूटी ने आम आदमी की चिंता और बढ़ा दी है।
अब यह देखना होगा कि सरकार इस समस्या का समाधान कब निकालती है और क्या लोगों को पुरानी सस्ती सुविधा फिर से मिल पाएगी।

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