भारत में बाढ़ का ताज़ा हाल – कहां कितना पानी, कितनी तबाही?
2025 की मानसून सीजन ने भारत के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई है। बीते कुछ दिनों से जारी मूसलधार बारिश ने सड़कों को तालाब बना दिया है और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार, असम और गुजरात में हालात सबसे ज़्यादा गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग (IMD) ने इन पांचों राज्यों में Red Alert जारी कर दिया है।
कौन-कौन से राज्य बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? – विस्तृत जानकारी
महाराष्ट्र – मुंबई, ठाणे और रत्नागिरी में भारी तबाही
महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश ने हालात बेहद खराब कर दिए हैं।
-
मुंबई: रेलवे ट्रैक और सड़कों पर 2–3 फीट तक पानी भर गया है। लोकल ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। BMC ने सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं।
-
ठाणे और पालघर: यहां भी जलभराव के कारण जनजीवन प्रभावित है।
-
रत्नागिरी और कोल्हापुर: लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं और हाईवे बंद हैं।
उत्तराखंड – उत्तरकाशी, टिहरी और चमोली में लैंडस्लाइड का खतरा
उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं।
-
उत्तरकाशी: नदी-नालों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है।
-
चमोली: चारधाम यात्रा को रोक दिया गया है क्योंकि रास्ते खतरनाक हो चुके हैं।
-
पिथौरागढ़: कुछ गांवों का संपर्क टूट चुका है।
बिहार – दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल और पूर्वी चंपारण में बाढ़ की मार
बिहार की नदियां जैसे गंडक, कोसी और बागमती उफान पर हैं।
-
दरभंगा: रेलवे ट्रैक और ग्रामीण इलाकों में पानी भर गया है।
-
सीतामढ़ी और सुपौल: कई गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
-
पूर्वी चंपारण: सरकारी स्कूलों को राहत शिविरों में बदला गया है।
असम – धुबरी, लखीमपुर और गोलपाड़ा सबसे ज़्यादा प्रभावित
असम में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
-
धुबरी: यहां हज़ारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।
-
लखीमपुर और गोलपाड़ा: कई गांवों में नावों से राहत पहुंचाई जा रही है।
-
काजीरंगा नेशनल पार्क: जानवरों को ऊंचाई पर शिफ्ट किया जा रहा है।
गुजरात – राजकोट, भावनगर, जूनागढ़ और अमरेली में हाई अलर्ट
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं।
-
राजकोट: शहर के कई हिस्सों में जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम है।
-
भावनगर और जूनागढ़: कई इलाके जलमग्न हैं और लोगों को निकाला जा रहा है।
-
अमरेली: प्रशासन ने स्कूल-कॉलेज 2 दिन के लिए बंद कर दिए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी – अगले 72 घंटे अहम
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने साफ कहा है कि अगले 72 घंटे कई राज्यों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होंगे। IMD के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी से उठे कम दबाव के क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के उत्तर, पूरब और पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
इन राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट:
-
Red Alert: महाराष्ट्र, उत्तराखंड, बिहार, असम, गुजरात
-
Orange Alert: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, ओडिशा
सरकार की तैयारियाँ – राहत और बचाव कार्य जोरों पर
NDRF और SDRF की तैनाती
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 70 से ज़्यादा टीमें देशभर में तैनात कर दी गई हैं। हेलीकॉप्टर, बोट्स और स्निफर डॉग्स की मदद से राहत और बचाव का काम किया जा रहा है।
मेडिकल और राहत शिविर
प्रभावित इलाकों में राज्य सरकारों ने राहत शिविर, फ्री फूड पैकेट्स और मेडिकल कैम्प्स लगाए हैं। WHO और UNICEF जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भी सहायता देने की बात कही है।
प्रशासन की अपील – घरों में रहें, सुरक्षित रहें
सरकार और प्रशासन लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में यात्रा न करें। जहां तक हो सके, ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लें। अफवाहों से बचें और केवल सरकारी चैनलों से सूचना प्राप्त करें।
बाढ़ से बचने के लिए क्या करें – जरूरी सावधानियाँ
- बिजली के उपकरणों से दूर रहें
- पीने का साफ पानी जमा करें
- बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखें
- जरूरी दवाइयों और डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखें
- मोबाइल और पावरबैंक चार्ज रखें
FAQ – बाढ़ से जुड़े सबसे ज़्यादा पूछे गए सवाल
Q1: क्या स्कूल-कॉलेज सभी राज्यों में बंद किए गए हैं?
नहीं, सिर्फ रेड अलर्ट वाले जिलों में ही स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं।
Q2: बाढ़ के दौरान किन चीज़ों से बचना चाहिए?
पानी भरे इलाकों में चलना, खुले तारों को छूना, अफवाहों पर विश्वास करना — इन सबसे बचें।
Q3: NDRF का हेल्पलाइन नंबर क्या है?
टोल फ्री नंबर: 1078 या राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।
Q4: क्या ये बाढ़ जलवायु परिवर्तन का असर है?
विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण बेमौसम और अत्यधिक बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं।
Conclusion – अब क्या ज़रूरी है?
भारत में बाढ़ की स्थिति हर साल चुनौती देती है, लेकिन इस बार का संकट बड़ा है। हमें न सिर्फ सरकार के निर्देशों का पालन करना है, बल्कि एक ज़िम्मेदार नागरिक बनकर एक-दूसरे की मदद भी करनी है।
🙏 आपका इलाका अगर प्रभावित है, तो सुरक्षित रहें और सतर्क रहें।
यह भी जाने: चंद्रयान 4 : ISRO का अगला चंद्र मिशन, लॉन्च डेट, उद्देश्य और पूरी जानकारी