राजस्थान के चूरू में IAF जगुआर ट्रेनर विमान क्रैश: दोनों पायलट्स की मौत, जांच जारी

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9 जुलाई 2025 को राजस्थान के चूरू जिले के पास भारतीय वायुसेना का एक जगुआर ट्रेनर एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया। यह हादसा सुबह लगभग 8:45 बजे हुआ। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया क्योंकि इस दुर्घटना में दोनों पायलट्स की मौत हो गई।

हादसा कहां हुआ?

हादसा चूरू जिले के पास स्थित लालगढ़-जस्सासर इलाके में हुआ। यह स्थान वायुसेना के नल एयरबेस, बीकानेर के अंतर्गत आता है। विमान खेतों में जाकर गिरा और जोरदार धमाके के साथ उसमें आग लग गई।

हादसे का तकनीकी पहलू: क्यों गिरा विमान?

Indian Air Force के अधिकारियों के अनुसार, Jaguar Trainer Aircraft काफी पुराना विमान है और कई बार technical glitches के लिए बदनाम रहा है। इस crash में भी तकनीकी खराबी ही सबसे बड़ा कारण मानी जा रही है।

संभावित तकनीकी कारण:

  • इंजन फेल होना

  • फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी

  • हाइड्रोलिक या ईंधन सिस्टम में खराबी

इसलिए भारतीय वायुसेना ने तुरंत इस हादसे की जांच के लिए एक Court of Inquiry बैठा दी है।

पायलट्स की पहचान और शहादत

भारतीय वायुसेना के अनुसार, विमान में दो पायलट्स सवार थे, जो एक नियमित ट्रेनिंग मिशन पर थे।

  • दोनों ने इजेक्शन की कोशिश की लेकिन समय रहते बाहर नहीं निकल पाए।

  • दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

मृत पायलट्स के नाम:

  • Squadron Leader Lokendra Singh Sindhu

  • Flight Lieutenant Rishi Raj Singh

 

ऐसे ट्रेनिंग मिशन कैसे होते हैं?

Indian Air Force में ट्रेनिंग मिशन काफी संवेदनशील होते हैं। Jaguar Trainer जैसे विमानों का उपयोग युवाओं को युद्ध के लिए तैयार करने में होता है।

इन मिशनों में पायलट्स को सिखाया जाता है:

  • High-speed maneuvering

  • Emergency ejection techniques

  • Ground target simulation

लेकिन एक छोटी सी गलती या technical failure जानलेवा हो सकता है — जैसा कि इस हादसे में हुआ।

Jaguar Trainer Aircraft: एक परिचय

  • Jaguar एक डबल-सीटर ट्रेनर और अटैक एयरक्राफ्ट होता है।

  • इसे ग्राउंड अटैक और प्रशिक्षण दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।

  • भारत ने Jaguar विमान को 1979 से सेवा में लिया था।

हादसे के दृश्य और स्थानीय प्रतिक्रिया

  • विमान के क्रैश होने के बाद ज़मीन पर आग लग गई, जिसे देखकर आसपास के ग्रामीण डर गए।

  • गांववालों ने हादसे की जानकारी तुरंत पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी।

  • राहत और बचाव दल ने आग पर काबू पाया, लेकिन पायलट्स को नहीं बचाया जा सका

वायुसेना ने शुरू की जांच

IAF ने इस हादसे की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में तकनीकी खराबी को संभावित कारण माना जा रहा है, लेकिन पूरी जांच के बाद ही असली वजह सामने आएगी।

सरकार और वायुसेना की ओर से शोक संदेश

  • रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया और पायलट्स को श्रद्धांजलि दी।

  • भारतीय वायुसेना ने भी आधिकारिक बयान में कहा:

“We salute the bravery and sacrifice of our pilots. A thorough investigation will be conducted.”

सोशल मीडिया और जन भावना

  • Twitter और Instagram पर #JaguarCrash ट्रेंड कर रहा है।

  • लोग पायलट्स को श्रद्धांजलि दे रहे हैं और सरकार से पुराने विमानों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

IAF में हादसों का बढ़ता सिलसिला

Jaguar हो या Mig-21, पिछले कुछ वर्षों में कई एयरक्राफ्ट हादसे हुए हैं:

  • अप्रैल 2025: मिग-21 क्रैश, हनुमानगढ़

  • फरवरी 2024: सुखोई क्रैश, ग्वालियर

  • मार्च 2023: चीता हेलिकॉप्टर क्रैश, अरुणाचल प्रदेश

इन हादसों से यह सवाल उठता है कि क्या अब वायुसेना को अपने बेड़े का आधुनिकीकरण तेज़ करना चाहिए?

Conclusion

चूरू में हुआ यह हादसा सिर्फ तकनीकी विफलता नहीं बल्कि देश के दो बहादुर जवानों की शहादत का कारण बना।
अब समय है कि सरकार और रक्षा मंत्रालय मिलकर ऐसे हादसों पर रोक लगाने के लिए तकनीकी अपग्रेडेशन और सुरक्षा उपायों पर विशेष ध्यान दें

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