चाय बनाते समय इन 4 गलतियों से बचें – सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

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चाय बनाते समय इन 4 गलतियों से बचें – सेहत पर पड़ सकता है बुरा असर

चाय सिर्फ़ एक पेय नहीं, यह हमारी सुबह की मुस्कान है, थकान का साथी है, और ठंडी हवाओं में गर्माहट की तरह है। भारत में चाय को भावनाओं का पेय कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा। लेकिन, वही चाय यदि ग़लत तरीक़े से बनाई जाए तो यह स्वाद की जगह सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। आइए जानें, चाय बनाने के दौरान कौन-सी 4 गलतियाँ हमें हर हाल में टालनी चाहिए।

1. चाय को ज़्यादा देर तक उबालना – स्वाद और सेहत का दुश्मन

हम अक्सर सोचते हैं कि चाय को ज़्यादा देर उबालने से उसका स्वाद गहरा और मज़बूत होगा। लेकिन असलियत इससे बिलकुल उलट है।

  • ज़्यादा देर तक उबालने से चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स टूट जाते हैं, जो हमारे शरीर को बीमारियों से बचाते हैं।

  • इससे टैनिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो पेट में गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं को जन्म देती है।

  • लम्बे समय तक उबली चाय कड़वी और कसैली हो जाती है, जिससे उसका प्राकृतिक स्वाद नष्ट हो जाता है।

सही तरीका यह है कि पानी में चाय की पत्तियाँ डालने के बाद उसे सिर्फ़ 2-3 मिनट ही उबालें। इससे स्वाद भी गहरा रहेगा और सेहत पर कोई बुरा असर भी नहीं होगा।

2. दूध और चीनी की अधिक मात्रा – मीठा ज़हर

भारतीय चाय की पहचान ही है दूध और चीनी। लेकिन अगर यही दो चीज़ें हद से ज़्यादा डाल दी जाएँ, तो चाय शरीर के लिए ज़हर बन सकती है।

  • अधिक दूध डालने से चाय में मौजूद पॉलीफेनॉल्स (एंटीऑक्सीडेंट्स) का असर कम हो जाता है। इसका मतलब यह है कि चाय के सेहतमंद गुण बिलकुल बेअसर हो जाते हैं।

  • चीनी की अधिकता हमारे शरीर को मोटापा, डायबिटीज़ और हृदय रोगों की ओर धकेल सकती है।

  • ज़्यादा मीठी चाय पीने की आदत धीरे-धीरे लत का रूप ले लेती है, जिससे बिना मीठे के दिन अधूरा लगने लगता है।

 स्वस्थ रहने के लिए कोशिश करें कि चीनी की मात्रा कम रखें या शहद का विकल्प अपनाएँ। दूध भी उतना ही डालें, जितना स्वाद को संतुलित कर सके।

3. खाली पेट चाय पीना – पेट पर चोट जैसा असर

सुबह-सुबह नींद से जागते ही गरमा-गरम चाय का कप पीने का मन हर किसी का होता है। लेकिन यह आदत धीरे-धीरे पेट को कमज़ोर कर सकती है।

  • खाली पेट चाय पीने से अम्लता (Acidity) बढ़ जाती है।

  • पेट की परत पर कैफीन और टैनिन का असर पड़ता है, जिससे गैस, जलन और भारीपन महसूस होता है।

  • लंबे समय तक यह आदत पेट के रोगों और अल्सर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

 सबसे बेहतर यही है कि चाय पीने से पहले हल्का नाश्ता करें या कम से कम एक बिस्किट या सूखा मेवा खाकर फिर चाय का आनंद लें।

4. बार-बार गरम की गई चाय – स्वादहीन और हानिकारक

अक्सर घर या ऑफिस में लोग पहले से बनी हुई चाय को बार-बार गरम करके पीते हैं। यह एक बड़ी गलती है, जो धीरे-धीरे शरीर पर बुरा असर डालती है।

  • दोबारा गरम करने पर चाय में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

  • इसमें हानिकारक तत्व बनने लगते हैं, जो पाचन को बिगाड़ते हैं।

  • बार-बार गरम की गई चाय का स्वाद फीका और अप्राकृतिक हो जाता है, जिससे पीने का मज़ा भी खत्म हो जाता है।

 चाय हमेशा ताज़ा बनाकर ही पीनी चाहिए। जितनी ज़रूरत हो उतनी ही चाय बनाएँ और तुरंत उसका आनंद लें।

चाय पीने का सही तरीका – सेहत और स्वाद दोनों का संतुलन

यदि आप चाय को सेहतमंद और स्वादिष्ट रखना चाहते हैं, तो इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें:

  • चाय को मध्यम आंच पर ही पकाएँ, तेज़ आंच पर नहीं।

  • हर्बल चाय जैसे ग्रीन टी, लेमन टी या अदरक-तुलसी की चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

  • चाय का सेवन दिन में 2-3 बार से ज़्यादा न करें।

  • रात में देर से चाय पीने से बचें, क्योंकि यह नींद को प्रभावित कर सकती है।

 

WHO के अनुसार कैफीन का अधिक सेवन स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है

निष्कर्ष – चाय हो दवा, बोझ नहीं

चाय हमें ताज़गी देने के लिए है, थकान मिटाने के लिए है, लेकिन यदि इसे ग़लत तरीक़े से बनाया जाए तो यह स्वास्थ्य पर बोझ बन जाती है।
ज़्यादा देर तक उबालना, अधिक दूध-चीनी डालना, खाली पेट पीना और बार-बार गरम करना – ये चार गलतियाँ हैं जो हमें किसी भी हाल में नहीं करनी चाहिए।

याद रखें, चाय का असली आनंद तभी है जब वह संतुलित, ताज़ा और स्वास्थ्यवर्धक हो।

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