आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में स्वस्थ रहना सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। कई बार बिल्कुल फिट दिखने वाले लोग अचानक बेहोश हो जाते हैं या उनकी अचानक मृत्यु की खबर मिलती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि हमारा शरीर भीतर से स्वस्थ है या नहीं।
डॉक्टरों का मानना है कि केवल लक्षण दिखने पर ही डॉक्टर के पास जाना काफी नहीं होता। अगर हम समय-समय पर कुछ ज़रूरी हेल्थ मार्कर्स की जांच करें, तो हम गंभीर बीमारियों से पहले ही बच सकते हैं।
क्यों जरूरी हैं हेल्थ चेकअप?
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कम उम्र में दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट फेलियर जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
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कई बार व्यक्ति दिखने में फिट होता है, लेकिन अंदर ही अंदर बीमारी बढ़ रही होती है।
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हेल्थ चेकअप से बीमारियों का शुरुआती पता लग सकता है।
जानिए वो 11 महत्वपूर्ण हेल्थ मार्कर्स जो बताते हैं – आप स्वस्थ हैं या नहीं
1.ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)
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नॉर्मल रेंज: 120/80 mmHg
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हाई BP दिल, किडनी और आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है।
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लो BP से चक्कर आना, थकान और बेहोशी की संभावना होती है।
👉 महीने में एक बार ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराएं।
2.रेस्टिंग हार्ट रेट (Resting Heart Rate)
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नॉर्मल रेंज: 60–100 बीट प्रति मिनट
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एथलीट्स का हार्ट रेट 50 तक भी हो सकता है।
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ज़्यादा या बहुत कम रेट दिल की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
3.बॉडी मास इंडेक्स (BMI)
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फॉर्मूला: वजन (किलो) ÷ लंबाई (मीटर²)
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नॉर्मल BMI: 18.5–24.9
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इससे पता चलता है कि आप अंडरवेट, ओवरवेट या मोटापे की श्रेणी में हैं या नहीं।
4.मसल मास या स्केलेटल मसल रेश्यो (Muscle Mass)
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ज्यादा मसल्स अच्छे स्वास्थ्य की निशानी है।
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कम मसल मास से कमज़ोरी, थकान और इम्युनिटी कम हो जाती है।
👉 प्रोटीन युक्त भोजन, नियमित व्यायाम और वजन प्रशिक्षण से मसल मास बढ़ाया जा सकता है।
5.ब्लड शुगर (Blood Sugar)
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फास्टिंग: 70–99 mg/dL
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Post-meal: 140 mg/dL से कम
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हाई शुगर डायबिटीज का संकेत है।
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लो शुगर बेहोशी या चक्कर लाने का कारण बन सकता है।
6.कोलेस्ट्रॉल लेवल
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टोटल कोलेस्ट्रॉल: 200 mg/dL से कम
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HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल): 40 mg/dL से ज्यादा
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LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 mg/dL से कम
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अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
7.ब्लड टेस्ट्स – सीबीसी (Complete Blood Count)
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इससे शरीर में खून की कमी (एनीमिया), संक्रमण या अन्य रोगों की पहचान होती है।
8.मेंटल हेल्थ चेकअप
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डिप्रेशन, एंग्जायटी, स्ट्रेस का असर शरीर पर भी पड़ता है।
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नकारात्मक मानसिकता शरीर की इम्युनिटी कम कर देती है।
👉 महीने में एक बार आत्म-मूल्यांकन करें और ज़रूरत हो तो प्रोफेशनल से सलाह लें।
9.ईसीजी और ईको टेस्ट
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खासकर 30 की उम्र के बाद ईसीजी साल में एक बार जरूर कराएं।
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इससे दिल की स्थिति का अंदाज़ा लगता है।
10.विटामिन D और B12 लेवल
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विटामिन D की कमी से हड्डियाँ कमजोर होती हैं।
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विटामिन B12 की कमी से थकान, कमजोरी और नर्वस सिस्टम की समस्याएं हो सकती हैं।
11.फिटनेस लेवल (Stamina & Endurance Test)
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क्या आप बिना थके 1 किमी चल सकते हैं?
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क्या आपकी सांस जल्दी फूलती है?
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ये संकेत बताते हैं कि आपकी फिटनेस कितनी अच्छी है।
👉 रोज़ाना 30 मिनट की एक्सरसाइज से फिटनेस को बेहतर बनाया जा सकता है।
कब डॉक्टर से मिलें?
यदि आपके कोई भी हेल्थ मार्कर्स सामान्य रेंज में नहीं आ रहे हों, या आपको बार-बार थकान, चक्कर, घबराहट या वजन में अचानक बदलाव का अनुभव हो रहा हो – तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हेल्दी रहने के 5 आसान उपाय
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रोज़ सुबह उठकर 15 मिनट योग या वॉक करें।
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दिन में 2-3 लीटर पानी पिएं।
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हर 6 महीने में ब्लड टेस्ट कराएं।
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जंक फूड से दूरी बनाए रखें।
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रात को पूरी नींद लें (7-8 घंटे)।
AIIMS Health Check Guidelines
भारत की सबसे बड़ी मेडिकल संस्था, General Health Guidelines के लिए
निष्कर्ष
स्वस्थ शरीर ही सुखी जीवन की कुंजी है। आज भले ही आप फिट और एक्टिव महसूस करें, पर अगर अंदर कोई खतरा छुपा है तो समय रहते पता चलना बेहद जरूरी है। ऊपर बताए गए 11 हेल्थ मार्कर्स आपको इस बात की जानकारी देंगे कि आपका शरीर वास्तव में कितना स्वस्थ है।
स्वास्थ्य की उपेक्षा मत करें – छोटी जांचें, बड़ा जीवन बचा सकती हैं।
📢 क्या आपने हाल ही में हेल्थ चेकअप कराया है? नीचे कमेंट में जरूर बताएं और यह लेख अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि वो भी समय रहते अपने स्वास्थ्य की जांच कर सकें।
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